पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई में दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है,
जो नाबालिग लड़कियों को शादी का झांसा देकर 50 हजार रुपये में बेचते थे।
पुलिस ने इस मामले में संतोष साहू उर्फ डबलू और मनीष भंडारी को गिरफ्तार किया है।
*गिरफ्तारी के मुख्य बिंदु:*
– *मुकदमा दर्ज*: कृष्णा नगर थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था कि एक 15 वर्षीय लड़की लापता है।
– *पुलिस की कार्रवाई*: पुलिस उपायुक्त दक्षिणी ने तुरंत ही पांच टीमें गठित कर जांच शुरू की और संतोष साहू को महेवा पच्छिम पट्टी थाना नैनी जनपद प्रयागराज से गिरफ्तार किया।
– *दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी*: संतोष साहू की निशानदेही पर मनीष भंडारी को राम भरोसे कॉलोनी नंबर 1 सब्जी मंडी पास थाना साकेत नगर राजस्थान से गिरफ्तार किया गया।
*आरोपियों का इतिहास:*
– संतोष साहू पर 6 मुकदमे दर्ज हैं।
– मनीष भंडारी पर 2 मुकदमे दर्ज हैं।
*पुलिस की घोषणा:*
– पुलिस उपायुक्त दक्षिणी निपुण अग्रवाल ने गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है
बहजोई में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है।
नायब तहसीलदार की अगुवाई में प्रशासन ने अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाकर प्लाटिंग तोड़ दी।
बहजोई में भारी संख्या में अवैध कॉलोनियां काटी जा रही थीं, जिनमें बिना लेआउट पास कराए प्लाटिंग की जा रही थी।
*कार्रवाई के मुख्य बिंदु:*
– *अवैध कॉलोनियों की पहचान*: प्रशासन ने बहजोई नगर क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों की पहचान की और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
– *बुलडोजर की कार्रवाई*: नायब तहसीलदार ने बुलडोजर चलाकर अवैध कॉलोनियों की प्लाटिंग तोड़ दी, जिससे अवैध निर्माणकर्ताओं में हड़कंप मच गया।
– *भविष्य में कार्रवाई*: प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आगे भी अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी, और बिना अनुमति के कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकेगा।
भगवान राम की नगरी में आज गुरु पूर्णिमा के पावन मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं,
सुबह से ही सरयू स्नान कर मंदिरों में पूजन अर्चन के बाद अपने-अपने गुरु की पूजा कर रहे है।
अयोध्या गुरु शिष्य परंपरा की प्राचीन निर्वहन आज भी राम नगरी में देखने को मिलता है।
मंदिर और मूर्तियों के शहर में राम भक्त गुरु वंदना के लिए पहुंचे हैं और आज पूरा दिन गुरु पूर्णिमा के मौके पर मंदिरों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भंडारे का भव्य आयोजन किया गया है जिसमें श्रद्धालु अपने गुरुद्वारों में गुरुओं की पूजन करके अपने जीवन को आत्मसात करेंगे।
कबीर दास ने कहा है गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागे पाय बलिहारी गुरु आपकी गोविंद दियो बताएं।
गुरु की कृपा जीवन को सार्थक बनाने के लिए बहुत जरूरी है ईश्वरीय कृपा मिलती है लेकिन जीवन में मार्गदर्शन गुरु ही दे सकता है।
अयोध्या के प्रत्येक मठ मंदिरों में भक्त अपने अपने गुरु की पूजा कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है।
सुबह से ही गुरु आराधना के लिए श्रद्धालु पहुंचे हैं और दूर दराज से अयोध्या पहुंचे श्रद्धालु अपने गुरुओं की पूजा कर खुद को सौभाग्यशाली मानते हुए गुरु का आशीर्वाद ले रहे हैं।
हनुमानगढी के महंत ज्ञान दास के उत्तराधिकारी महंत सजय दास ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है शिष्य अपने गुरु का पूजन कर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं और दूर-दराज से श्रद्धालु आए हैं सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा जिसका आज भी निर्वहन हो रहा है जीवन में सदमार्ग के लिए गुरु की कृपा बहुत ही आवश्यक है.
मान्यता है कि आज के ही दिन विष्णु भगवान वेद व्यास के रूप में जन्म लिया था।
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने कहा है कि वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया जारी रहेगी, क्योंकि चुनाव आयोग का यह काम संवैधानिक दायित्व है।
अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
*सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी*
– जस्टिस धुलिया ने कहा कि चुनाव आयोग जो कर रहा है, वह उसका संवैधानिक दायित्व है।
– सवाल यह है कि क्या वोटर लिस्ट के रिवीजन की कोई समयसीमा कानून में तय की गई है?
– जस्टिस जोयमाल्या बागची ने स्पष्ट किया कि स्पेशल रिवीजन का प्रावधान रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट, 1950 की धारा 21(3) में है, और कानून में साफ तौर पर लिखा है कि इस प्रक्रिया को कैसे अंजाम देना है, यह तय करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है.
*विपक्ष की आपत्ति*
– विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि यह प्रक्रिया मनमानी और अव्यावहारिक है।
– याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आधार कार्ड और वोटर आईडी को पहचान के दस्तावेज के रूप में स्वीकार क्यों नहीं किया जा रहा है?
*चुनाव आयोग का पक्ष*
– चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि मतदान का अधिकार सिर्फ भारतीय नागरिकों को है, और यह जरूरी है कि मतदाता की पहचान की जांच हो।
– आयोग ने बताया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है, इसलिए उसे मान्य नहीं किया गया है।
अगली सुनवाई में कोर्ट इस मामले में आगे की कार्रवाई तय करेगा.