ब्रेकिंग…संभल
संभल में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम देखने को मिली।
रात 12 बजे मंदिरों और घरों में घंटे की गूंज सुनाई देने लगी, जब भगवान कृष्ण के बाल रूप का जन्म हुआ।
इस अवसर पर मंदिरों में कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें भजन, कीर्तन और नृत्य शामिल थे।
*जन्माष्टमी की तैयारी*
– सुबह से ही लोग तैयारी में जुटे हुए थे, घरों और मंदिरों को सजाया गया था।
– नन्हे-मुन्ने बच्चों को राधा-कृष्ण की पोशाक पहनाकर तैयार किया गया था।
– मंदिरों में भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की गई और प्रसाद वितरित किया गया।
*जन्माष्टमी का महत्व*
– भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
– यह पर्व भगवान कृष्ण की शिक्षाओं और उनके जीवन को याद करने का अवसर प्रदान करता है।
– जन्माष्टमी के दौरान लोग व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं.

