ब्रेकिंग….संभल
खाद नहीं मिलने पर किसानों का फूटा गुस्सा,जमकर काटा हंगामा,खाद के साथ जिंक देने का आरोप,
पाठकपुर सहकारी संघ की दुकान पर किसानों ने जमकर काटा हंगामा,
किसानों ने ओवर रेट पर खाद का कट्टा देने का आरोप लगाकर उठाई कार्रवाई की मांग,
संभल – बहजोई में खाद की किल्लत कितनी बढ़ गई है।
कि किसानों को घंटे इंतजार करने के बावजूद भी खाद नहीं मिल पा रही है।
जिसको लेकर पाठकपुर सहकारी संघ खाद लेने को लेकर पहले तो मारामारी हुई।
जब किसानों को खाद नहीं मिली तो उन्होंने जमकर हंगामा काटा।
वहीं किसानों ने ओवर रेट से लेकर खाद के साथ जबरदस्ती जिंक देने का भी आरोप लगाया।
मंडी समिति रोड स्थित पाठकपुर सहकारी संघ की दुकान पर सुबह से ही किसान खाद लेने को पहुंचे थे।
बड़ी संख्या में किसान खाद लेने पहुंचे तो पहले तो सहकारी संघ की दुकान ही बंद मिला।
जब इसके बाद दुकान खुली तो एकदम से किसान दुकान पर पहुंच गए भीड़ इतनी बड़ी की खाद लेने को लेकर किसानों में मारामारी होने लगी।
किसान पहले खाद लेने को लेकर जुट गए।
इससे परेशान होकर मौजूद कर्मचारियों ने ने भी खाद देने से मना कर दिया जिसको लेकर किसानों ने जमकर हंगामा किया।
किसानों का कहना था कि वह प्रतिदिन खाद लेने आते हैं।
लेकिन उन्हें खाद नहीं मिलता।
वहीं खाद के कट्टों के साथ-साथ दवाई के नाम पर जिंक जबरदस्ती दी जा रही है।
किसानों ने हंगामा शुरू किया तब कहीं जाकर खाद मिलना शुरू हुआ।
लेकिन वहां मारामारी मच गई।
किसी किसान को खाद मिला किसी को नहीं मिला किसान मायूस होकर लौट गए।
खाद की किल्लत को लेकर बोले किसान
प्रतिदिन खाद लेने के लिए वह सहकारी संघ की दुकान पर पहुंच जाते हैं।
लेकिन यहां पर खाद नहीं मिल पाता।
कुछ ही किसानों को खाद देकर सहकारी संघ के कर्मचारी दुकान बंद कर चले जाते हैं और वह मायूस होकर कई दिन से लौट रहे हैं।- फारुख किसान, मिर्जापुर।
पहले तो खाद की किल्लत इतनी है की खाद नहीं मिल पा रहा है।
अगर खाद मिल जाता है तो उन्हें जबरदस्ती दवाई के नाम पर जिंक दिया जा रहा है।
कई दिनों से चक्कर काटने के बाद खाद के कट्टे मिले वह भी मांग के अनुसार नहीं मिले।
उनके साथ जो है महंगे में जिंक लेनी पड़ी।- वीरभान, किसान, लहरा भूड़।
आज सुबह से ही अपनी खेती के लिए खाद लेने आए थे कभी सहकारी संघ के कर्मचारी लाइन में लगाते हैं।
तो कभी अपने चहतों को खाद के कट्टे दे देते हैं।
चार दिन हो गए उनके हाथ बुवाई के लिए एक भी खाद का कट्टा नहीं आया है।
देखते हैं कि आज खाद मिल पाएगी या नहीं।- मोहर सिंह, किसान, बहजोई।
वह खाद लेने आए थे सुबह से ही खाद लेने को लेकर खड़े हैं जैसे ही सहकारी संघ की दुकान खुली वैसे ही किसानों की भीड़ बढ़ गई।
तमाम धक्का मुक्की होने के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पाया।
घंटो खाद का इंतजार कर रहे हैं।
लेकिन खाद नहीं।
मिल पा रही है।
कल भी वह खाद लेने आए थे लेकिन ऐसे ही वापस लौट गए।- सूरजपाल, किसान श्योराज पुर।
