ब्रेकिंग….सिद्धार्थनगर
बरांव शरीफ में स्थित सूफी हजरत शाह मुहम्मद यार अली का 59वां सालाना उर्स शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
उर्स का समापन सज्जादा नशीन खानकाह फैजुर्रसूल अब्दुल कादिर अलवी की देखरेख में हुआ।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और मजार शरीफ को गुलाब जल और केवड़ा जल से धुला गया। इसके बाद विदाई कुल की महफिल आयोजित की गई, जिसमें उपस्थित लोगों ने हिस्सा लिया।
*उर्स के मुख्य आकर्षण:*
– *मजार शरीफ का गुस्ल*: मजार शरीफ को गुलाब जल और केवड़ा जल से धुला गया, जो एक पारंपरिक अनुष्ठान है।
– *तोशा कादिरिया*: उर्स के दौरान तोशा कादिरिया की रस्म भी अदा की गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
– *विदाई कुल की महफिल*: विदाई कुल की महफिल आयोजित की गई, जिसमें उपस्थित लोगों ने शिरकत की और सूफी संत की याद में दुआएं कीं।
*उर्स का महत्व:*
– *धार्मिक महत्व*: उर्स सूफी संतों की याद में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें श्रद्धालु उनकी मजार पर फूल चढ़ाते हैं और दुआएं करते हैं।
– *सांप्रदायिक सौहार्द*: उर्स के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द का वातावरण देखने को मिलता है, जहां विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आते हैं और सूफी संत की याद में दुआएं करते हैं
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