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कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर के खिलाफ मानहानि मामला, आगरा कोर्ट ने जारी किया नोटिस,
उत्तर प्रदेश के आगरा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रसिद्ध कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
उनके खिलाफ मानहानि का एक मामला दर्ज किया गया है, और आगरा की ACJM-10 कोर्ट ने उन्हें 9 जुलाई 2025 को अदालत में हाजिर होने का नोटिस जारी किया है।
यह मामला वाराणसी में देवकी नंदन ठाकुर द्वारा दी गई एक कथा से जुड़ा है।
2 दिसंबर 2024 को वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित एक कथा के दौरान देवकीनंदन ठाकुर ने भारत विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों के नरसंहार के लिए “जयचंदों” को दोषी ठहराया था।
उन्होंने अपने बयान में कहा था कि जयचंदों के कारण सनातन धर्म को खतरा है और उनके कारण ही पाकिस्तान का निर्माण हुआ।
इस बयान को अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने मानहानिकारक बताते हुए आगरा की सिविल जज (जूनियर डिवीजन)-प्रथम की अदालत में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का परिवाद दायर किया।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह का कहना है कि जयचंद, जो कन्नौज के राजा थे, को गद्दार कहने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि ठाकुर का यह बयान क्षत्रिय समाज के लिए अपमानजनक है और इससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है।
परिवाद में यह भी उल्लेख किया गया कि भारत विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार धर्म आधारित था, और इसके लिए जयचंद को दोषी ठहराना गलत है।
इस मामले में देवकी नंदन ठाकुर को पहले भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण ACJM-10 की अदालत ने अब नोटिस जारी कर उन्हें 9 जुलाई 2025 को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है।
यह पहला मौका नहीं है जब देवकी नंदन ठाकुर अपने बयानों के कारण विवादों में घिरे हैं।
इससे पहले भी उनके कुछ बयानों, जैसे जनसंख्या नियंत्रण और वक्फ बोर्ड को लेकर की गई टिप्पणियों, ने सुर्खियां बटोरी थीं।
हाल ही में, उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट से कठोर कार्रवाई की मांग की थी।
इस मामले में अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी, और सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि देवकी नंदन ठाकुर कोर्ट में क्या पक्ष रखते हैं।
क्या यह मामला और गहराएगा, या कोई नया मोड़ आएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
