ब्रेकिंग…हमीरपुर
हरसुंडी में बारिश बनी आफत, ग्रामीण बेहाल – बूढ़ी अम्मा बोलीं: खून के आँसू रो रहे हैं,
हमीरपुर ज़िले से एक बेहद दर्दनाक तस्वीर सामने आई है।
सरीला ब्लॉक के हरसुंडी गांव में भीषण बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि पूरा गांव तालाब में तब्दील हो गया।
चार घंटे की तेज़ बारिश ने ग्रामीणों की पूरी गृहस्थी डुबो दी।
घरों में रखा बीज, अनाज और राशन सब पानी में बह गया।
चार कच्चे मकान ढह गए, एक दर्जन घरों में चूल्हे तक नहीं जल पा रहे हैं।
गांव की एक बुजुर्ग महिला—बूढ़ी अम्मा—की आंखों में आंसू थे।
उन्होंने कहा, “साहब, अब कैसे करें बुवाई, कैसे जिएं? सब डूब गया।”
गांव के लोग बालू खदान संचालक और प्रधान की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं।
आरोप है कि ट्रकों के रास्ते के लिए जलनिकासी का रास्ता बंद कर दिया गया, जिससे पूरा गांव जलमग्न हो गया।
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि हरसुंडी गांव की सुध लेगा?
यह तस्वीरें हैं हमीरपुर के सरीला ब्लॉक के हरसुंडी गांव की, जहां भीषण बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया है।
लगातार चार घंटे की बारिश से गांव की गलियों में पानी का सैलाब बह निकला और देखते ही देखते चार कच्चे मकान धराशायी हो गए।
हर तरफ पानी—रसोई से लेकर आंगन तक, सब कुछ डूब गया। अनाज, राशन, बच्चों की किताबें, बीज—सबकुछ बह गया।
ग्रामीणों का कहना है कि पानी निकासी के लिए बनाई गई पुलिया को बालू खदान संचालक और प्रधान की मिलीभगत से अवरुद्ध कर दिया गया था, जिससे जलभराव विकराल हो गया।
कैमरे के सामने गांव की बूढ़ी अम्मा फूट-फूटकर रोती दिखीं।
कांपती आवाज़ में बोलीं – “हम गरीबन का सब बह गओ, अब चूल्हा कहां जलेगा बेटा?”
मीडिया में खबर आने के बाद एसडीएम बलराम गुप्ता ने नायब तहसीलदार और राजस्व टीम को मौके पर भेजा।
पुलिया की सफाई करवाई गई, लेकिन नुकसान हो चुका था।
अब प्रशासन लापरवाह सचिव और प्रधान पर कार्रवाई की बात कह रहा है—लेकिन सवाल है: क्या ये सिर्फ कार्रवाई का ड्रामा है या गांव वालों को मिलेगा असली इंसाफ?
