ब्रेकिंग….संभल
बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती” के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन,
संभल – बहजोई महाविद्यालय, बहजोई में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में “स्वतंत्रता के अमृतकाल में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती” के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को बाबा साहब के जीवन, विचारों तथा उनके सामाजिक, राजनीतिक एवं शैक्षिक योगदान से परिचित कराना था।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन व बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई।
इसके पश्चात वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए डॉ. अंबेडकर के प्रेरणादायी जीवन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनीतिशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य नेमपाल सिंह यादव ने कहा कि बाबा साहब का जीवन संघर्षों से भरा रहा।
उन्होंने समाज में व्याप्त छुआछूत और भेदभाव का डटकर सामना किया, परंतु उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
शिक्षा को अपना अस्त्र बनाकर वे न केवल एक सफल विद्वान बने, बल्कि भारत के संविधान निर्माता के रूप में विश्वविख्यात हुए।
बी.ए. चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा वैष्णवी ने बाबा साहब को भारतीय संविधान का शिल्पकार बताते हुए उनके योगदान को भावपूर्ण शब्दों में प्रस्तुत किया।
वहीं छात्रा हुज़ैमा ने विशेष रूप से महिलाओं के उत्थान में बाबा साहब की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने समाज के सबसे वंचित वर्गों को न्याय दिलाने के लिए आजीवन संघर्ष किया।
कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग के प्रवक्ता रामतीरथ ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज के दौर में छात्रों के पास शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनेकों तकनीकी एवं भौतिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जबकि बाबा साहब ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की और राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ऐसे में आज का युवा अगर संकल्प ले तो किसी भी क्षेत्र में इतिहास रच सकता है।
कार्यक्रम का सफल संचालन समाजशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य संजय कुमार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
जिनमें प्रमुख रूप से संजय कुमार, नेमपाल सिंह यादव, दीप्ति रानी, गौरव वार्ष्णेय, प्रीति शर्मा, पूजा शर्मा, तृप्ति आर्य, रामतीरथ, बलवीर सिंह, भगवान सिंह चौहान, भुवनेश कुमार, राजीव कुमार आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम का समापन बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करने एवं उनके आदर्शों पर चलने के संकल्प के साथ हुआ।
