ब्रेकिंग….संभल
बहजोई स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वाधान में ‘कर्मयोगी कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में कर्त्तव्य-परायणता, सेवा-भाव और कर्मयोग की भावना जागृत करना था।
कार्यक्रम में डॉ. सौरभ कान्त शर्मा ने कहा कि कर्म ही पूजा है और हमें कर्मयोगी बनने का संकल्प लेना चाहिए।
डॉ. कृष्णा नंद झा ने कहा कि आत्म-नियंत्रण ही एक व्यक्ति को सफल कर्मयोगी बना सकता है।
विद्यार्थियों और शिक्षकों को संविधान में वर्णित मौलिक कर्त्तव्यों की शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गीता ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जो विद्यार्थी अपनी पढ़ाई को जिम्मेदारी और निष्ठा से करता है, वही सच्चे अर्थों में कर्मयोगी है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यदि विद्यार्थी जीवन में जिम्मेदारी को अपनाएँ, तो हमारा समाज बहुत कम समय में कर्मयोगी समाज बन सकता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के स्टाफ के कई सदस्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया और विद्यार्थियों को प्रेरित किया गया।
