संभल:-यदि बीमा कंपनी स्वास्थ्य बीमा धनराशि देने से करें इनकार तो खटखटाएं उपभोक्ता आयोग का दरवाजा

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ब्रेकिंग….संभल

यदि बीमा कंपनी स्वास्थ्य बीमा धनराशि देने से करें इनकार तो खटखटाएं उपभोक्ता आयोग का दरवाजा,

बीमा कंपनी की हटधर्मिता को उपभोक्ता आयोग ने नकारा,

संभल – जनपद के मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत चंदौसी निवासी तरुण श्रीवास्तव ने अपने और अपनी परिजनों की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी स्टार हेल्थ कंपनी से प्राप्त की थी जिससे कि आने वाले भविष्य में यदि उनके परिवार की किसी सदस्य को स्वास्थ्य संबंधित किसी प्रकार की कोई बीमारी होती है,तो उसका इलाज आसानी से हो सके।इसी क्रम में तरुण श्रीवास्तव की पुत्री कुमारी खुशी श्रीवास्तव के पेट में दिनांक 12/7/2023को अचानक काफी पीड़ा तथा घबराहट होने लगी जिसके लिए उन्हें मुरादाबाद के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाया गया,जहां उनकी पुत्री को तीन दिन भर्ती रखकर उनका इलाज किया गया उनके इलाज पर 34581 रुपए का भुगतान तरुण श्रीवास्तव द्वारा किया गया और इलाज पर हुए व्यय की मांग स्टार हेल्थ कंपनी से की गई थी,तो स्टार हेल्थ कंपनी ने उनकी पुत्री के इलाज पर व्यय हुई, धनराशि यह कह कर देने से इनकार कर दिया कि पेट की बीमारी को भर्ती करने की आवश्यकता नहीं थी, तो उन्हें काफी दुख हुआ तब उन्होंने उपभोक्ता मामलों की विशेषज्ञ अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय से संपर्क किया, और अपनी व्यथा सुनाई लव मोहन वार्ष्णेय एडवोकेट द्वारा उनकी ओर से परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग जनपद संभल में आयोजित किया गया, और बताया गया कि वर्ष 2018 से निरंतर बीमा पॉलिसी को परवादी द्वारा विधि पूर्वक क्रय कर प्रीमियम का भुगतान किया जाता है,और दिनांक 12/7/2023 को परवादी की पुत्री के पेट में पीड़ा होने और घबराहट होने के कारण डॉक्टर की सलाह अनुसार परवादी ने अपनी पुत्री को भर्ती कराकर इलाज कराया और बीमा धनराशि प्राप्त करने के संबंध में समस्त औपचारिकता पूर्ण की बीमा कंपनी इलाज पर हुए व्यय की धनराशि देने से बचने के लिए बहाना बना रही है, आयोग ने बीमा कंपनी को तलब कर जवाब मांगा तथा दोनों पक्षों की बहासुनी वहस सुनने के उपरांत आयोग के अध्यक्ष व सदस्यगण ने विपक्षी बीमा कंपनी को आदेश किया की विपक्षी स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेश किया जाता है, की वह परवादी को उसकी पुत्री कुमारी खुशी श्रीवास्तव के इलाज के मद में व्यय की गई धनराशि 34581 रुपए उस पर परिवाद संस्थान की स्थिति से 7% वार्षिक ब्याज सहित अंदर दो माह में अदा करें इसके अलावा विपक्षी परवादी को मुबलिग 10000 रुपए मानसिक कष्ट एवं आर्थिक हानि तथा ₹5000 बाद व्यय के मद में भी अदा करेगी।

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